Editorial: देश में विकास की नई संभावनाओं को बढ़ाने वाला बजट
- By Habib --
- Wednesday, 24 Jul, 2024
A budget that opens up new possibilities
A budget that will increase new possibilities of development in the country: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट संभावनाओं, राहतों और चिंताओं का ऐसा मिलाजुला कॉम्बो है, जोकि देश के लोगों को हतप्रभ कर रहा है। माना जा रहा था कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ऐसा बजट लेकर आएंगी जोकि कुछ चटपटा होगा और जिसके जरिये केंद्र सरकार देशवासियों की दुआएं और आशीष लेते हुए वोट की भी चिंता करेगी। हालांकि इस बजट में सुधारीकरण के जिस हाईवे पर देश चलता आ रहा है, उसी की कड़ी में आगे ऐसे निर्णय लिए गए हैं जोकि पूरी ईमानदारी से फलीभूत हुए तो निश्चित रूप से देश को इसका फायदा मिलेगा। हालांकि इस बजट को लेकर विपक्ष जिस प्रकार भेदभाव का आरोप लगा रहा है, वह राजनीतिक है, लेकिन उससे भी बड़ी बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष को उसी की भाषा में जवाब देकर चारों खाने चित्त कर दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह तीसरा कार्यकाल जनता दल यू और टीडीपी की बैसाखियों के सहारे है, ऐसे में उन्हें खुश रखना पहली प्राथमिकता दिखती है। हालांकि तुलनात्मक रूप से यह समझने की जरूरत है कि बिहार को देश की मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष पैकेज दिया जाना आवश्यक है। बिहार को हमेशा से विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग उठती रही है, लेकिन विभिन्न अड़चनों की वजह से यह संभव नहीं हो पाया है, लेकिन इस बार 60 हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज देकर केंद्र ने बिहार के अच्छे दिनों की शुरुआत की है।
वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट में जिस मुद्दे पर काफी ध्यान दिया गया है, वह है युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2 लाख करोड़ के खर्च से तीन योजनाएं शुरू करने का वादा किया है, जिनसे 4.1 करोड़ युवाओं को फायदा होने का दावा किया गया है। इनमें रोजगार के साथ कौशल विकास भी शामिल है। कौशल विकास के लिए देश की 500 बड़ी कंपनियों में 5 साल में 1 करोड़ युवाओं की इंटर्नशिप का प्रस्ताव रखा गया है। इस योजना को कामयाब बनाने के लिए सरकार अपनी ओर से आर्थिक मदद तो देगी ही, कंपनियों को भी ट्रेनिंग पर खर्च करने की इजाजत दी गई है।
अंतरिम बजट के बाद मध्य वर्ग को भी रियायतें नहीं मिलने की शिकायत आई थी। वित्त मंत्री ने 2024-25 के पूर्ण बजट में उसे भी दूर किया है। उन्होंने वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की रकम 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये करने के साथ न्यू टैक्स रिजीम के टैक्स स्लैब में बदलाव करके इस वर्ग को राहत दी है। पिछले वित्त वर्ष में दो तिहाई टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम में थे, इसलिए इसका फायदा काफी लोगों को मिलेगा। इसके साथ अगले पांच वर्षों में शहरी क्षेत्रों में 1 करोड़ गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों को घर के मद में सरकार 2.2 लाख करोड़ रुपये की मदद देगी, जबकि इस पर कुल खर्च 10 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है।
यह अच्छा है कि पिछले कई बजट से इस सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर फोकस बना रहा है। वित्त मंत्री ने इसके लिए 11.11 लाख करोड़ के कैपिटल एक्सपेंडिचर का प्रस्ताव रखा है। पिछले वर्षों में कैपिटल एक्सपेंडिचर में बढ़ोतरी की वजह से ही देश की आर्थिक विकास दर ऊंची बनी हुई है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का फोकस इस बात से भी जाहिर होता है कि वित्त मंत्री ने आने वाले 5 वर्षों में इस क्षेत्र के लिए मजबूत वित्तीय मदद मुहैया कराने का वादा किया। इस सिलसिले में केंद्र की ओर से राज्यों को भी वित्तीय मदद जारी रहेगी। वित्त मंत्री ने कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष में राज्यों के लिए 1.5 लाख करोड़ के ब्याज मुक्त कर्ज का प्रावधान किया जा रहा है।
हालांकि इस बजट में निवेशकों को टैक्स बढ़ने से निराशा हुई है, लेकिन फिस्कल कंसॉलिडेशन जारी रहने से खासतौर पर विदेशी निवेशक और रेटिंग एजेंसियां खुश होंगे। वित्त मंत्री ने एंजेल टैक्स खत्म करने का ऐलान किया है, जो स्टार्टअप निवेशकों के लिए अच्छी बात है। इसके साथ वित्त मंत्री ने अगले दौर के आर्थिक सुधारों का भी वादा किया है, अगर वे जमीन और श्रम जैसे क्षेत्रों में सुधारों के वादे को पूरा कर पाती हैं तो इससे निश्चित रूप से ग्रोथ की रफ्तार और तेज होगी। दरअसल, यह बजट ठोस जमीन तैयार करने वाला है, हालांकि अनेक क्षेत्रों पर बेहद ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। इसके अलावा राज्यों के समान विकास की भी परवाह की जानी चाहिए। बिहार और आंध्र प्रदेश को ही विशेष पैकेज की जरूरत नहीं है, अपितु दूसरे राज्यों को भी विशेष मदद कर दरकार है। हालांकि राज्यों को मुफ्त चीजें बांटने की अपनी नीति को सुधारना होगा। केंद्र सरकार का बजट इसका भी संदेश देता है। इस बजट से उम्मीदें बंधती हैं और देश के स्थायी विकास की दिशा में यह मील का पत्थर बनने वाला है। भारत की विकास दर को बढ़ाने वाला बजट है।
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